Thursday, December 11, 2014

डीएनए जांचने का आसान फार्मूला..



जब मैं तिवारी पान पेलेस पर पहुंचा तो उम्मीद के विपरीत वे बिलकुल खाली थे| पर, उनके चेहरे की शिकन बता रही थी कि कोई उधेड़बुन तो है, जिसने उन्हें बेचैन कर रखा है| हमने बड़े एहितायत के साथ उनसे पूछा, कैसे तिवारी जी सब कुशल मंगल तो है न! तिवारी जी ने बड़ी उम्मीद भरी नज़रों से हमारी तरफ एक नमस्कार उछाला और बोले, कुशल मंगल काहे न रही, वो तो पूरी है, बस एक बात हमें सोच में डाल दीन है| हमें तुरंत समझ में आ गया कि तिवारी जी की समस्या तो क्या हमें परेशान करेगी, पर अब पान मिलने में होने वाली देरी जरुर हमें घर में गृह लक्ष्मी के कोप का शिकार बनवायेगी| पर, तिवारी जी के साथ बरसों के संबंध को आये-गए तरीके से निपटाना भी ठीक नहीं था| इसलिए हमने अपने चेहरे पर गंभीर भावों की लगभग बरसात कर डाली और उनसे पूछा, कोई विशेष परेशानी? उन्होंने उसी समय आये 18-20 साल के लड़कों को दो प्लास्टिक के ग्लास और दो पानी पाऊच पकड़ाते हुए कहा अब बात कहने सुनने में थोड़ी लिहाज की है पर ये गुजरात में जो कुछ हो रहा है, हमें पसंद नहीं आ रहा है| अब चकराने की बारी हमारी थी| हम तो पिछले सात महने से ये सोच कर बैठे थे कि अब जो भी होगा, देश के किसी भी कोने में होगा पर गुजरात में नहीं होगा| पर, तिवारी जी के मुखमंडल पर छाई गंभीरता बता रही थी कि वे हमारा भ्रम ठीक उसी प्रकार तोड़ने पर आमादा हैं, जिस तरह उन लोगों का टूटा था जो यह आस लगाकर बैठे थे कि मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही 100 दिन में काला धन वापस आये या नहीं, पर उन लोगों का तो पता चल ही जाएगा, जिन्हें मनमोहनसिंह की सरकार बचा रही थी|

हमारी प्रश्नवाचक निगाहें लगातार तिवारी जी पर जमीं हुईं थीं| इस बीच हमारा पान का एक बीड़ा लग चुका था| उसे हमें पकडाते हुए वे बोले नहीं समझे न! पान की बीड़ा हमारे मुंह में प्रवेश कर चुका था, हमने सर हिलाकर उन्हें बताया कि नहीं समझे| तिवारी जी बोले, आज का अखबार नहीं पढ़ा? अब बारी हमारे शर्माने की थी| हम बोले पढ़ा तो है पर आप किस खबर की बात कर रहे हो| तिवारी जी बोले, अरे वही, अहमदाबाद में लोग संतान अपनी है या नहीं, पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट करा रहे हैं| हमें याद आ गया, हमने कहा सच है तिवारी जी, अच्छा है बाकी देश में ऐसा नहीं हो रहा| रिपोर्ट तो यह है कि इससे गुजरात में बहुत से परिवार टूट रहे हैं| तिवारी जी बोले वो तो टूटेंगे ही, पर ये डीएनए टेस्ट में तो बहुत पैसा लगता होगा| हमने कहा, हाँ लगता तो है| कितना लगता होगा, तिवारी जी ने पूछा? हमने कहा यही 10-11 हजार के आसपास| तिवारी जी बोले, अच्छा आप ही बताओ सुकुल महाराज हमारे प्रधानमंत्री बोले रहीन कि उनकी रगों में खून की जगह पैसा बहता है और बिज़नेस उनकी लहू में है| यह बात गुजरात के लोगों के समझ में क्यों नहीं आ रही?

अचानक विषय परिवर्तन से पूरी तरह चौंके हम, मुंह को थोड़ा ऊपर की तरफ उठाये, ताकि पान की लार कुर्ते पर न गिरे,  तिवारी जी को ओर तकते रहे| तिवारी जी बोले डीएनए टेस्ट से यही तो पता चलता है न कि औलाद हमारजादी है या हरामजादी| हम भौंचक्के खड़े खड़े तिवारी जी को देख रहे थे| तिवारी जी बोले, अरे बिना एको पैसा खर्च किये ये पता लगाने की विधी तो दिल्ली में साध्वी ज्योति बताईन हैं| जोन उनकी पार्टी को वोट दी, सब रामजादे, बाकी..और वे मुस्करा दिए| हमने तिवारी जी की तरफ देखा कि वे अपनी बात को और स्पष्ट करेंगे| पर वे तो अचानक आ गयी ग्राहकों की भीड़ संभालने में व्यस्त हो गए थे|

अरुण कान्त शुक्ला
9 दिसंबर, 2014 

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