पहले नाक के नीचे तो झाँक लीजिये..!
ऐसा
कहा जाता है की जिसकी नाक लम्बी होती है, उसे उसकी नाक के नीचे क्या हो रहा है पता
नहीं चलता| केंद्र सरकार में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भी लगता है कुछ ऐसा ही
हो रहा है| आज जब वे लोकसभा में खड़े होकर लोकसभा के सदस्यों को यह कहकर लुभा रहे
थे कि भारत सरकार को अच्छे से पता है कि 1993 बम धमाकों समेत कई मामलों में
वॉन्टेड दाऊद पाकिस्तान में ही है और उसे हर हाल मे भारत लाया जाएगा, तब
उन्हें यह नहीं पता था कि उनकी नाक के नीचे ही दिल्ली में, जहां की क़ानून व्यवस्था
की जिम्मेदारी उनके और उनके मंत्रालय की ही है, एक ट्रेफिक हवलदार न केवल एक महिला
से चालान के नाम पर रिश्वत मांग रहा था बल्कि चालान की रसीद माँगने पर उसने महिला
और उसके बच्चों को स्कूटी में लात मारकर गिरा भी दिया, जिससे स्कूटी की लाईट टूट
गयी| अपनी दो बच्चियों के सामने हुए इस अभद्र व्यवहार और नुकसान से अपमानित महिला
ने गुस्से में उस हवलदार की मोटरसाईकिल का कांच पत्थर मारकर तोड़ दिया तो हवलदार ने
एक बड़ी ईंट उठाकर महिला के सर को निशाना बनाकर मारी, वह तो गनीमत थी कि महिला मुड़
गयी और ईंट सर में लगने के बजाय उसकी रीढ़ में लगी| इनका एक कारनामा अभी केजरीवाल
झेल रहे हैं, क़ानून व्यवस्था राजनाथसिंह के विभाग का काम है और डीटीसी के ड्राईवर
को बचाने का काम इनकी पुलिस को करना चाहिए था| वह तो हुआ नहीं और अब डीटीसी के
ड्राईवर हड़ताल करके एक करोड़ का मुआवजा केजरी सरकार से मांग रहे हैं| भाजपा के
दिल्ली के अध्यक्ष प्रेस कांफ्रेंस करके बता रहे हैं कि उनकी हड़ताल में भाजपा का
कोई हाथ नहीं है| नहीं होगा! पर क़ानून व्यवस्था के ढुलमुल होने में तो भाजपा की
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय और गृहमंत्री की ही जिम्मेदारी है, यह तो मान
लीजिये| पर, फिर वही दिक्कत मानें कैसे? दिखा जो नहीं! दिखा क्यों नहीं? दिखा
इसलिए नहीं कि नाक जरुरत से कुछ ज्यादा ही लंबी है और जिसकी नाक लंबी होती है ,
उसे उसके नीचे क्या हो रहा है दिखता नहीं! तो गृहमंत्री जी हम पिछले 22 सालों से
दाऊद के कभी पाकिस्तान, कभी दुबई में होने की खबरें, वालीवुड से उसके नातों और उसे
हर हाल में लेकर आयेंगे की कसमों को सुन रहे हैं| इन बाईस सालों में सात साल आपकी
भी पार्टी सत्ता में रही है और क्या क्या हुआ, आप जानते हैं! अब यदि आप दाऊद को
लायेंगे, ये लोकसभा के अन्दर बैठे लोगों को लुभाने के लिए कह रहे थे, तो कोई बात
नहीं और यदि हमें भरमाने के लिए कह रहे हैं तो हमारी आपसे विनम्र विनती है कि पहले
नाक के नीचे तो झाँक लीजिये..!
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